गृह युद्ध की चपेट में आए सूडान से भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए मोदी सरकार ने एक्शन प्लान तैयार कर लिया है. रविवार को विदेश मंत्रालय (MEA) ने बताया कि वायुसेना के दो C-130J विमान और नौसैनिक जहाज INS सुमेधा स्टैंडबाय पर रखे गए हैं. इन विमान और जहाज के जरिए हिंसा प्रभावित सूडान में फंसे भारतीयों को सुरक्षित निकालने के प्रयास चल रहे हैं.
MEA ने कहा- सूडान पहुंच गया जहाज
मंत्रालय ने अपने ताजा बयान में कहा कि भारत जटिल और उभरती सुरक्षा स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा है और भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए कोऑर्डिनेशन भी कर रहा है. सरकार ने कहा कि हमारी तैयारी के हिस्से के रूप में और तेजी से कदम उठाने के लिए भारत कई विकल्पों को फॉलो कर रहा है. दो भारतीय वायुसेना C-130J के विमान इस समय जेद्दाह (सउदी अरब) में स्टैंडबाय पर खड़े हैं. इसके अलावा INS सुमेधा भी सूडान के बंदरगाह पहुंच गया है.
इन देशों के संपर्क में भी है MEA
विदेश मंत्रालय ने यह भी बताया कि सूडानी अधिकारियों के अलावा, सूडान में भारतीय दूतावास भी संयुक्त राष्ट्र, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र और अमेरिका के साथ लगातार संपर्क में हैं.
सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच छिड़ी जंग
बता दें कि अफ्रीकी देश सूडान में संघर्ष तेज हो गया है. वहां सेना और पैरामिलिट्री रैपिड सपोर्ट फोर्स (RSF) के बीच देशभर में जंग छिड़ गई है. सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच एक बार फिर संघर्ष शुरू हो गया है. दोनों ही देश की सत्ता पर कब्जा करना चाहते हैं. इस संघर्ष में अब तक सैकड़ों लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है. आंकड़ा और बढ़ सकता है
घरों में दुबक गए हैं लोग
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, राजधानी खार्तूम और ओम्दुर्मान जैसे आसपास के शहरों में हवाई हमले और गोलीबारी देखने को मिल रही है. लोग घरों में दुबके हुए हैं और उन्होंने लूटपाट और बिजली कटौती होने का दावा किया है.
पड़ोसी मुल्कों ने अपनी सीमाएं बंद की
सेना और पैरामिलिट्री रैपिड सपोर्ट फोर्स (RSF) के बीच जंग से हालात इस कदर बिगड़ गए हैं कि पड़ोसी मुल्कों ने अपनी सीमाओं को बंद कर दिया है. इस जंग में एक भारतीय अल्बर्ट ऑगस्टाइन की भी मौत हो गई है.
भयंकर लड़ाई से बिगड़े हुए हैं हालात
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, सूडान में भारतीयों की संख्या करीब 4,000 है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारतीय नागरिकों को निकालने का प्लान तैयार है. लेकिन ग्राउंड पर कोई भी गतिविधि सुरक्षा स्थिति पर निर्भर करेगी. चूंकि खार्तूम में विभिन्न जगहों पर भयंकर लड़ाई की खबरों से हालात बिगड़े हुए हैं. सूडानी हवाई क्षेत्र वर्तमान में सभी विदेशी विमानों के लिए बंद है.
लोगों से जोखिम ना लेने की अपील
मंत्रालय ने एक बयान में कहा- ओवरलैंड मूवमेंट में रिस्क और लॉजिकल चैलेंज भी है. ऐसे में हमारा दूतावास सूडान में फंसे भारतीयों के संपर्क में है और उन्हें सुरक्षित आवाजाही और अनावश्यक जोखिम से बचने की सलाह दे रहा है. खार्तूम शहर से संभावित निकास समेत हर संभव सहायता के लिए भी कोऑर्डिनेशन कर रहा है.
सूडान में क्यों जारी है जंग?
सूडान में सेना के कमांडर जनरल अब्देल-फतह बुरहान और पैरामिलिट्री फोर्स के प्रमुख जनरल मोहम्मद हमदान डगालो के बीच संघर्ष हो रहा है. जनरल बुरहान और जनरल डगालो, दोनों पहले साथ ही थे. मौजूदा संघर्ष की जड़ें अप्रैल 2019 से जुड़ी हैं. उस समय सूडान के तत्कालीन राष्ट्रपति उमर अल-बशीर के खिलाफ जनता ने विद्रोह कर दिया था. बाद में सेना ने अल-बशीर की सत्ता को उखाड़ फेंका. बशीर को सत्ता से बेदखल करने के बावजूद विद्रोह थमा नहीं.
- बाद में सेना और प्रदर्शनकारियों के बीच एक समझौता हुआ. समझौते के तहत एक सोवरेनिटी काउंसिल बनी और तय हुआ कि 2023 के आखिर तक चुनाव करवाए जाएंगे. उसी साल अबदल्ला हमडोक को प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया. लेकिन इससे भी बात नहीं बनी.
- अक्टूबर 2021 में सेना ने तख्तापलट कर दिया. जनरल बुरहान काउंसिल के अध्यक्ष तो जनरल डगालो उपाध्यक्ष बन गए. भारतीयों को निकालना क्यों हो रहा मुश्किल?
- सूडान में 4 हजार के आसपास भारतीय हैं. जानकारी के मुताबिक, ज्यादातर भारतीय चार शहरों में बसे हुए हैं. इनमें से एक है ओमडुरमैन (Omdurman), दूसरा है कसाला (Kassala), तीसरा है गेडारेफ (Gedaref) या अल कादरीफ (Al Qadarif) वहीं चौथे शहर का नाम है वाड मदनी (Wad Madani).
- इनमें से दो शहरों की दूरी राजधानी खार्तूम से 400 किलोमीटर से भी ज्यादा है तो वहीं एक शहर की करीब 200 किलोमीटर है. एक शहर तो राजधानी से सटा हुआ है और उसकी खार्तूम से दूरी मात्र 25 किलोमीटर है. सबसे ज्यादा चिंताजनक बात यह है कि इन चारों शहरों में से किसी में भी इंटरनेशनल एयरपोर्ट नहीं है.
- सूडान में दो ही अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट हैं. एक राजधानी खार्तूम में तो दूसरा पोर्ट सूडान में है. हालांकि, एयरस्ट्राइक के बीच यहां से लोगों को एयरलिफ्ट करना भी बेहद मुश्किल है. यह तभी संभव है, जब सीजफायर हो जाए.