केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली आबकारी नीति मामले में दायर अपने पहले पूरक आरोपपत्र में आरोप लगाया है कि दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पूरे घोटाले के मास्टरमाइंड हैं.सिसोदिया के साथ शराब कारोबारी अमनदीप सिंह ढल्ल, हैदराबाद के सीए बुच्चीबाबू गोरंटला और अर्जुन पांडेय नाम के शख्स के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया है.
सीबीआई ने अब तक पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है और 11 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है. इससे पहले सीबीआई ने समीर महेंद्रू, विजय नायर, अभिषेक बोइनपल्ली, गौतम मुथा, अरुण पिल्लई और आबकारी अधिकारी कुलदीप और नरेंद्र सिंह के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी.
सूत्रों ने बताया कि सीबीआई ने चार्जशीट में आरोप लगाया है कि ब्रिंडको सेल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक शराब व्यवसायी अमनदीप ढल्ल 12 प्रतिशत के बढ़े हुए लाभ मार्जिन में से 6 प्रतिशत कमीशन के भुगतान के लिए आरोपी विजय नायर और साउथ ग्रुप के साथ आपराधिक साजिश में शामिल थे.
सूत्र ने चार्जशीट के हवाले से कहा- जांच से पता चला है कि आबकारी नीति के कार्यान्वयन में दक्षिण भारत (साउथ ग्रुप) के आरोपी व्यक्तियों द्वारा दिल्ली में थोक और खुदरा शराब व्यापार के एकाधिकार और कार्टेलाइजेशन को सुविधाजनक बनाने के लिए हेरफेर किया गया था. यह भी पता चला कि 12 प्रतिशत अप्रत्याशित लाभ मार्जिन में से 6 प्रतिशत विजय नायर को दिया गया था. इस तरह नायर को करीब 90-100 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया.
इसमें से 30 करोड़ रुपए हवाला चैनल के माध्यम से मामले में सरकारी गवाह दिनेश अरोड़ा के जरिए अदा किए गए. इस षड़यंत्र के तहत साउथ ग्रुप के आरोपी व्यक्तियों को एल-1 फर्म इंडोस्पिरिट्स में शेयर दिए गए और 65 प्रतिशत लाभ की राशि 29.29 करोड़ रुपए साउथ ग्रुप के आरोपी व्यक्तियों को हस्तांतरित कर दी गई. फर्म के भागीदारों के खिलाफ कार्टेलाइजेशन और ब्लैकलिस्टिंग की शिकायतों के लंबित होने के बावजूद आबकारी विभाग द्वारा इंडोस्पिरिट्स को थोक लाइसेंस जारी किया गया था.
ढल्ल मार्च 2021 से नायर के साथ निकट संपर्क में थे. ढल्ल, नायर और पेरनोड रिकार्ड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और डीआईएजीईओ (यूनाइटेड स्पिरिट्स लिमिटेड) जैसे सबसे बड़े निर्माताओं के अधिकारियों के बीच बैठकों की व्यवस्था कर रहा था. सीबीआई ने चार्जशीट में आरोप लगाया- ढल्ल ने आरोपी विजय नायर के साथ गौरी अपार्टमेंट में साउथ ग्रुप के सभी आरोपी अभिषेक बोइनपल्ली, बुच्चीबाबू गोरंटला और अरुण आर पिल्लई से भी मुलाकात की. इस प्रकार, उपरोक्त तथ्यों और परिस्थितियों से स्पष्ट रूप से पता चला कि आरोपी ढल्ल साउथ ग्रुप के संपर्क में था.
वर्ष 2021-22 के लिए दिल्ली की आबकारी नीति लागू होने से पहले भी ढल्ल दिल्ली में डीआईएजीईओ के वितरक थे. सरकारी गवाह बन चुके दिनेश अरोड़ा ने सीबीआई को बताया कि 19 और 20 जून 2021 को हैदराबाद के होटल कोहिनूर में बोइनपल्ली और नायर के साथ उनकी मुलाकात के दौरान, यह निर्णय लिया गया कि बोइनपल्ली उनके माध्यम से नायर को लगभग 30 करोड़ रुपये भेजेगा. और यह पैसा थोक विक्रेताओं के 12 प्रतिशत लाभ मार्जिन में से 6 प्रतिशत कमीशन निकालकर वसूल किया जाएगा.
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि ढल्ल ने डीआईएजीईओ से प्राप्त किए बिना अलग-अलग खुदरा विक्रेताओं को ब्रिंडको सेल्स प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से 4.97 करोड़ रुपये के अतिरिक्त क्रेडिट नोट दिए, इनमें से 2.58 करोड़ रुपये के अतिरिक्त क्रेडिट नोट ढल द्वारा साउथ ग्रुप की चार कंपनियों, एमआई ऑर्गनोमिक्स इकोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड, श्री अवंतिका कॉन्ट्रैक्टर्स (आई) लिमिटेड, ट्राइडेंट चेम्फर लिमिटेड और मगुन्टा एग्रो फार्म्स प्राइवेट लिमिटेड को दिए गए हैं.
बोइनपल्ली तीन खुदरा विक्रेताओं, ऑर्गनोमिक्स इकोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड, अवंतिका कॉन्ट्रैक्टर्स लिमिटेड और ट्राइडेंट चेम्फर लिमिटेड की ओर से क्रेडिट नोट्स के लिए बातचीत करता था, जबकि राघव मगुन्टा रेड्डी मैगुंटा एग्रो फार्म्स प्राइवेट लिमिटेड की ओर से क्रेडिट नोट्स के लिए बातचीत कर रहे थे. सीबीआई ने आरोप लगाया है कि, नई आबकारी नीति 2021-22 के तहत 2 रिटेल जोन को नियंत्रित करने वाली एसीई फाइनेंस कंपनी को 34,55,912 रुपये के क्रेडिट नोट दिए गए हैं. नायर के निर्देश पर ढल्ल द्वारा ये अतिरिक्त क्रेडिट नोट दिए गए. इसके अतिरिक्त ब्रिंडको सेल्स प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से एसीई फाइनेंस कंपनी को 4.97 करोड़ रुपये के क्रेडिट नोट दिए गए, जिसके एवज में एसीई फाइनेंस कंपनी से बोइनपल्ली को अरोड़ा के माध्यम से समतुल्य नकद राशि हस्तांतरित की.
सीबीआई को इन तथ्यों की पुष्टि अरोड़ा और विराट मान ने भी की थी, जो एसीई फाइनेंस कंपनी के क्रेडिट नोट्स के मामले को देखते थे. सीबीआई ने 19 अगस्त 2022 को ढल्ल के घर की तलाशी ली थी, जिसमें आबकारी नीति से संबंधित कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज, निविदा दस्तावेज की प्रति (जो उन्हें अग्रिम में मिली थी) और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के गोपनीय नोट की प्रति तथा मंत्रिपरिषद के लिए एक अन्य गोपनीय नोट की बरामदगी हुई.