Breaking Posts

6/trending/recent
Type Here to Get Search Results !

400 X 600

400 X 600
.

प्राचीन बावली की सफाई में निकली चौथी हनुमान प्रतिमा, लगभग 400 सौ साल पहले इस बावली से मिलीं थीं तीन प्रतिमाएं


पुरानी बस्ती स्थित प्राचीन बावली की सफाई के दौरान हनुमान के आकार की प्रतिमा दिखाई देने से इलाके में भक्ति उल्लास छाया रहा। प्रतिमा दिखते ही उस पर सिंदूर का लेप किया गया और पूजन, आरती की गई। जैसे ही लोगों को प्रतिमा मिलने की जानकारी मिली लोग दर्शन करने बावली पहुंचने लगे।

दर्शन करने बावली पहुंचे छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अध्यक्ष सुशील सन्नी अग्रवाल ने बताया कि मंदिर की जब सफाई की जा रही थी, तब सफाई कर्मियों को बावली में हनुमान के आकार का पत्थर दिखाई दिया। इसके बाद बावली के समीप स्थित मंदिर के पुजारियों ने पूजा-अर्चना की। देखते ही देखते मंदिर में दर्शन करने भीड़ लग गई। नगर निगम के सभापति प्रमोद दुबे भी दर्शन करने पहुंचे और हनुमान प्रतिमा की पूजा अर्चना कर समस्त प्रदेश वासियों की खुशहाली के लिए आशीर्वाद मांगा।

कर्मकार मंडल अध्यक्ष सुशील सन्नी अग्रवाल ने बताया कि बावली 500 से अधिक प्राचीन है। वे बचपन से इस बावली को देखते आ रहे हैं। इससे पहले भी इस बावली से लगभग 400 सौ साल पहले तीन हनुमान प्रतिमाएं मिलीं थीं। उनमें से एक प्रतिमा बावली के समीप स्थापित है और दूसरी प्रतिमा दूधाधारी मठ में और तीसरी प्रतिमा गुढ़ियारी इलाके मच्छी तालाब में प्रतिष्ठापित है। तीनों मंदिर राजधानी के ऐतिहासिक और प्रसिद्ध मंदिर हैं। क्षेत्र के पार्षद जितेंद्र अग्रवाल ने बताया कि करीब 100-150 सालों से इस मंदिर की बावली की सफाई नहीं हाे पाई थी, हमने इसकी सफाई करवाई तो भीतर बावली ( कुएं का बड़ा रूप) की दीवार पर वानर स्वरूप की आकृति दिखी, अब इस वजह से मंदिर में भक्त पहुंच रहे हैं।

बता दें कि रायपुर के पुरानी बस्ती की बावली को लेकर मान्यता है कि इसी बावली से सैकड़ों साल पहले हनुमानजी की तीन प्रतिमाएं निकली थीं। मंदिर के पुजारी बताते हैं कि 500 साल पहले घने बावली के भीतर ग्रामीण को हनुमानजी की प्रतिमाएं दिखाई दी थीं। इसके बाद भक्तगण इन तीनों प्रतिमाओं को राजधानी के अलग-अलग क्षेत्र में स्थापित कर दिया है। मान्यता के अनुसार मठपारा इलाके के मठ में हनुमानजी प्रतिमा है। बताया जाता है कि यहां के महंत हनुमानजी की पूजा करके दूध का ही आहार लेते हैं। इसी वजह से मठ का नाम दूधाधारी मठ पड़ा। गुढ़ियारी के मच्छी तालाब के किनारे विशाल मंदिर में दक्षिणामुखी हनुमान की प्रतिमा स्थापित है। यहां की प्रतिमा का मुख दक्षिण दिशा की ओर से दक्षिणमुखी हनुमान के नाम से प्रसिद्ध है। यहां हर साल हजारों की संख्या में हनुमान जन्मोत्सव में भक्तगण जुटते हैं।

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.