0-3 लाख रुपये तक की आय: कोई कर नहीं
3-6 लाख रुपये तक की आय : 5%
6-9 लाख रुपये तक की आय: 10%
9-12 लाख रुपये तक की आय: 15%
12-15 लाख रुपये तक की आय: 20%
15 लाख रुपये से ऊपर की आय: 30%
निर्मला सीतारमण ने कहा, "वर्ष 2020 में मैंने, 2.5 लाख रुपये से शुरू होने वाले छह इनकम स्लैब के साथ नई निजी आयकर व्यवस्था की शुरुआत की थी. अब मैं स्लैब की संख्या घटाकर पांच और कर छूट की सीमा तीन लाख रुपये तक बढ़ाकर इस व्यवस्था में बदलाव का प्रस्ताव करती हूं"
बजट 2020 में वित्त मंत्री ने निजी करदाता को या तो पुरानी व्यवस्था पर जाने, जिस अंतर्गत वे टैक्स छूट हासिल कर सकते हैं, या फिर नई व्यवस्था पर जाने का विकल्प दिया था जिसमें छूट का दावा करने का कोई विकल्प नहीं है. पुरानी कर व्यवस्था में जिनकी आय सालाना 15 लाख रुपये थी, उन लोगों के लिए कर की दर 30 प्रतिशत थी लेकिन वे छूट का दावा कर सकते थे.
जिन लोगों ने 2020 में पहली बार घोषित नई कर व्यवस्था को चुना था और जिनकी आय 15 लाख रुपये से अधिक थी, उन पर 25 प्रतिशत कर लगाया गया था लेकिन वे छूट का दावा नहीं कर सकते थे.
नीचे के उदाहरण से जानें कि नई कर व्यवस्था से कैसे आप अधिक बचत कर सकते हैं
यदि आपका वेतन सात लाख रुपये सालाना है तो आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा. पहले यह छूट पांच लाख रुपये सालाना थी.
यदि आपका वेतन 9 लाख रुपये सालाना है तो राशि को स्लैब में विभाजित करके कर लगाया जाएगा. इसके अनुसार..
A.0-3 लाख रुपये: कोई टैक्स नहीं (पहले यह 0-2.5 लाख रुपये था)
अब 6 लाख रुपये की शेष राशि पर दो स्लैब के तहत कर लगेगा यानी 3-6 लाख रुपये के हिस्से पर 5 प्रतिशत और 6-9 लाख रुपये के हिस्से पर 10 प्रतिशत की दर से
B. 3 लाख रुपये पर 5% कर : 15,000 रुपये
तीन लाख रुपये की शेष राशि पर एक स्लैब के तहत कर लगाया जाएगा यानी ₹ 6-9 लाख का इस हिस्से पर 10%
C. 3 लाख रुपये पर 10 प्रतिशत कर : 30,000 रुपये
इस तरह 9 लाख रुपये की राशि पर कुल कर (A, B और C का कुल जोड़) : 45 हजार रुपये
हालांकि, अगर इस ₹ 9 लाख पर टैक्स की गणना पुराने स्लैब (0-2.5 लाख रुपये छूट और ₹ 5 लाख छूट) का उपयोग करके की जाती आपको 60,000 रुपये का भुगतान करना होता जिसका अर्थ है कि नए स्लैब से 25 प्रतिशत की बचत हो रही है.