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हेमेंद्र गोस्वामी अम्बेडकर वार्ड पार्षद के वार्ड में बी.आर.साव स्कूल से लगी दुकानों में अवैध कब्जा

**कारण बताओ नोटिस जारी कर कार्रवाई करने का जिम्मा याद नहीं रहा ** 
**मेंढक और जनप्रतिनिधियों का हाल एक जैसा हो गया है। जैसे मेंढक को तौला नहीं जा सकता वैसे ही जनप्रतिनिधियों के आचरण को मापा नहीं जा सकता।**
  (आगर के मंझधार समाचार )   मुंगेली/नगर के अंबेडकर वार्ड  हेमेंद्र गोस्वामी के वार्ड में बी.आर.साव स्कूल के पास मुख्यमंत्री स्वालंबन योजनातंर्गत निर्मित दुकान जिस पर पहले भी वषों से उक्त दुकानों में अवैध  कब्जा किया गया था ,जिसे तात्कालिक सीएमओ राजेन्द्र पात्रे ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के संयुक्त टीम/ कर्मचारी अमला के साथ अवैध कब्जा से दुकानों को मुक्त कराया था उन दुकानों को सील किया। उनके कई निर्णयों /कार्यों के लिए आज भी प्रशंसा भी होती है  इसके पहले भी कुछ ही दुकानें नियमानुसार  आबंटित किया गया है उसके बाद किसी -किसी को व्यक्तिगत लाभ दिलाते हुए नियम विरुद्ध आबंटित भी किया था। अब तो  जिसने जहां पाया  उसने वहीं कब्जा कर लिया,  और तो और अवैध रुप से विधुत कनेक्शन भी लिया गया है ,मजेदार बात यह है कि जिन्हें  दुकानें आबंटित की गई थी, वह बेरोजगार भी दूसरे को रोजगार देते हुए  दुकान सौपकर किराया कमा रहे हैं, कुछ लोग दुकान पाने पहले से आवेदन लगाये हैं जो पाने के उम्मीद में वषों से नगर पालिका व कलेक्ट्रेट का चक्कर लगाते -लगाते उनका चप्पल घीस गया पर आज भी वो उम्मीद नहीं छोड़े हैं, जिसे अधिकारी देखते ही पीछा छोड़ने चलता कर देते हैं । नियमानुसार आबंटन न होने के चलते जिसे नहीं दिया जा सकता। वहीं वास्तविक हितग्राही इन दुकानों के मिलने की बांट जोह रहे हैं।  प्रशासन के द्वारा लगाई ताले को दुकानों ने तोड़कर कब्जा किया। और जिम्मेदार अधिकारी ताकते ही रह गए।  कमाल तो ये है कि इन दुकानों में बिजली कनेक्शन के लिए नगर पालिका ने एनओसी भी किस आधार पर दिया है। बीते वर्ष पहले कुछ और दुकानों का निर्माण किया जो बनते ही कब्जे का भेंट चढ़ गया।
मुख्यमंत्री स्वालंबन योजना के तहत् गरीब बेरोजगारों के लिए दुकान आबंटन हेतु बनाया गया है, जिसका आबंटन किये जाने से पहले ही कुछ नगर सेवक बनते ही शासकीय सेवकों के शह पर दुकानों पर अवैध कब्जा किया गया है, 
   नगर पालिका में दुकानों के बेजा कब्जा से संबंधित सूचना के अधिकार से  जानकारी प्राप्त के अनुसार नोटिस जारी तो किया,    पर ऐसा प्रतीत होता है कि नोटिस देकर अपनी पिण्ड छुड़ाना  चाह रहे। नगर पालिका परिषद द्वारा नोटिस जारी किया गया, कब्जाधारियों का कब्जा छत्तीसगढ़ नगर पालिका अधिनियम 1961 में विविध  प्रावधानों के विरुद्ध  है।  व लेख किया गया है कि तीन दिवस के भीतर दुकान खाली कर नगर पालिका को अवगत कराने हेतु लिखित में सूचित करने हेतु आदेश दिया गया है, आदेश का पालन नहीं होने के स्थित में एफआईआर दर्ज कराने की बात कही गई है, परंतु 2 माह बीत जाने के बाद भी नगर पालिका के द्वारा कोई कार्यवाही नहीं कि गई है,   
  अब देखते हैं कि प्रशासन कब जागती है  व वंचित बेरोजगारों को रोजगार के लिए दुकान दिलाकर उनकी समस्यों से कब मुक्ति दिला पाती है।

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